रमेश कंवर : शिमला
Himachal Cloudburst Live Update: हिमाचल प्रदेश में बुधवार मध्यरात्रि छह जगह बादल फटने से हुई तबाही में अब पांच लोगों की मौत हो गई, जिनके शव बरामद कर लिए हैं। प्रदेश में अभी भी 48 लोग लापता हैं। इनमें रामपुर के समेज में 36, बागीपुल में पांच और मंडी के राजबन में सात लोग लापता हैं।
उधर, श्रीखंड महादेव मार्ग पर भीमडवारी में करीब 250 लोग फंसे हुए हैं। ये लोग यात्रा पर निकले थे।
रामपुर के समेज में आज सुबह 6:00 बजे एसडीम रामपुर निशांत तोमर निगरानी में बचाव अभियान शुरू हुआ। सतलुज नदी में बहकर आने वाले शवों की तलाश के लिए यहां से करीब 85 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में की जा रही है। इसकी वजह यह है कि सतलुज नदी में बादल फटने और बाढ़ आने जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं। वीरवर दोपहर से ही पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां डैम और नदी का पानी मिलने वाले क्षेत्र में शवों की तलाश में जुट गए हैं। यह अभियान एडीसी शिमला अभिषेक वर्मा की अगुवाई में चलाया जा रहा है। इसमें डीएसपी अमित ठाकुर समेत 30 से अधिक पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों सहित जिला प्रशासन की टीम भी शामिल हैं।
मलाणा पावर हाउस में फंसे चार कामगारों को सुरक्षित बचाया
जिला कुल्लू के मलाणा-वन जल विद्युत परियोजना में बादल फटने के बाद फंसे चार कामगारों को आज सुरक्षित बचाया गया है। एनडीआरएफ की टीम के साथ होमगार्ड के बचाव दल और छापेराम नेगी की अगवाई वाले एक निजी बचाव दल ने यहां पहुंचकर फंसे चारों लोगों को सुरक्षित नीचे उतारा। ये चारों लोग 31 जुलाई रात 10:00 बजे से यहां फंसे हुए थे। हालांकि 1 अगस्त को एनडीआरएफ की टीम रवाना हुई थी, लेकिन घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई थी।
बादल फटने से ऐसे हुई तबाही
कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजबन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बुधवार मध्यरात्रि बादल फटे। जिला कुल्लू के निरमंड में बुधवार रात करीब 12 बजे नैन सरोवर और भीमडवारी में एक साथ बादल फटे। इसका पानी बागीपुल, समेज और गानवी की तरफ आया और 30 किलोमीटर नीचे तक तबाही मचाई। शिमला-कुल्लू की सीमा पर समेज खड्ड में आई बाढ़ में 30 मकान बह गए। यहां छह बच्चों समेत 36 लोग लापता हैं। इनमें चार प्रवासी, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी और 22 स्थानीय लोग शामिल हैं। बाढ़ में 150 पशु भी बह गए। एक स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो बिजली प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गए। वहीं, दूसरी ओर निरमंड के बागीपुल में बाढ़ से 10 दुकानें, जिया लाल का एक रियायशी मकान जिसमें होटल चल रहा था, दो पटवारघर, पार्क की 15 गाड़ियां, बस अड्डा और 8 पुल बह गए। जिया लाल के परिवार के पांच सदस्य और दो नेपाल मूल के व्यक्ति लापता हैं। सात में से दो के शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, रामपुर में गानवी खड्ड में आई बाढ़ में पांच घर, तीन गाड़ियां और एक पुल बह गया।
कुल्लू जिला में पावर प्रोजेक्ट, स्कूल, मन्दिर बहे
मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में बादल फटने से आई बाढ़ में मलाणा पावर प्रोजेक्ट-एक का बांध टूट गया। बलाधी गांव में एक सरकारी स्कूल, दो मंदिर, आठ मकान बह गए। पार्वती नदी में पानी बढ़ने से नदी पर बना पुल बह गया। शाट सब्जी मंडी का बहुमंजिला भवन भी धराशायी हो गया है। सैंज में निजी बस और बाइक पार्वती नदी में बह गई।
मंडी: तीन की मौत, दो घायल, सात लापता
मंडी के राजबन में बुधवार रात बादल फटने से आए मलबे में दबने से तीन घरों का नामोनिशान मिट गया। इनमें रह रहे 12 लोगों में से तीन की मौत हो गई है, जबकि दो घायल हैं। सात लोग लापता हैं। लापता लोगों में चार बच्चे, दो महिलाएं व एक युवक है। बाढ़ में 12 गाड़ियां बह गईं। थलटूखोड़ ग्रामीण सड़क पर बने तीन पुल और दो घराट बह गए।
चंबा: मलबे में दबे 20 वाहन
चंबा की राजनगर पंचायत के रूपणी नाले में एक बजे बादल फटने से आई बाढ़ में 20 वाहन मलबे में दब गए।
प्रदेश की 455 सड़कें अभी भी बंद
प्रदेश में अभी भी 455 सड़कें बंद हैं। इसके आलावा 495 बस रूट ठप हैं। 983 पेयजल योजनाएं, 178 ट्रांसफार्मर बंद है। विभिन्न विभागों को 215 करोड़ का नुकसान हुआ है।
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