Alka Verma: मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को सामान्य बातचीत का हिस्सा बनाना चाहिए

4 सप्ताह पहले
Alka Verma

नेहा अरोड़ा: यमुनानगर

Alka Verma: “मानसिक स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज के समग्र विकास और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। हमें यह समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य, और इसे नजरअंदाज करना गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है।”

इमोशनल एनलाइटनमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना और इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना था।

इस अवसर पर ट्रस्ट की अध्यक्ष अल्का वर्मा ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी से जीवन में तनाव, अवसाद, और चिंता जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को प्रभावित करती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल और परिवारों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा गया कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को सामान्य बातचीत का हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि लोग बिना किसी झिझक के अपनी समस्याओं को साझा कर सकें और उन्हें आवश्यक सहायता मिल सके। ट्रस्ट द्वारा इस दिशा में कई पहल शुरू की गई हैं, जिनका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को इस विषय पर शिक्षित करना है।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्धता जताई। ट्रस्ट ने इस दिशा में और भी कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि समाज के हर वर्ग में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

इस मौके पर सुधाकर मौर्य, अमनीत सिंह आनंद, गुरमीत कौर, बिप्लब बर्मन और रवि कटारिया मौजूद रहे।

एनएनएन

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