रमेश कंवर: मनाली
सीमा सड़क संगठन (BRO) के अंतर्गत आने वाले नेशनल हाईवे के मनाली से पलचान हिस्से में BRO की कार्यप्रणाली को देखते हुए मनाली में NHAI की सुस्त कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। पर्यटन नगरी के व्यापारिक संगठन एनएचएआई की कार्यप्रणाली से खासे नाराज हैं।
हिमाचल प्रदेश टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि बजौरा के मनाली का नेशनल हाईवे का हिस्सा सीमा सड़क संगठन को निर्माण एवं रखरखाव के लिए दे देना चाहिए। बजौरा से मनाली तक भौगोलिक परिस्थितियां मैदानी इलाकों से अलग हैं। जिसके चलते एनएचएआई की कार्यप्रणाली सुस्त है। वहीं पर्वतीय इलाकों में बीआरओ की सड़क निर्माण एवं रखरखाव कार्यप्रणाली बहुत बेहतर है।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी एनएचएआई की सुस्ती के चलते पर्यटन व्यवसायियों ने ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर के आह्वान पर कुल्लू से कटे मनाली नेशनल हाईवे का निर्माण खुद ही शुरू कर दिया था। घाटी के बागवानों को अब सेब सीजन की चिंता सताने लगी है।
मनाली के कोठी की ओर पड़ने वाले गांवों वासियों का कहना है कि अगर बाढ़ के चलते नेशनल हाईवे को नुकसान भी होता है तो बीआरओ जल्द से जल्द मार्ग बहाली कर देता है लेकिन मनाली से मनाली से बजौरा तक का हिस्सा जो गत वर्ष भारी त्रासदी के चलते बह गया था उसकी हालत एनएचएआई एक साल बाद भी सही नहीं कर पाया था। जबकि इस बार भी बाढ़ के चलते सड़क जगह जगह से क्षतिग्रस्त है और ब्यास में जलस्तर बढ़ने पर बह सकती है।
बुरूआ के ग्रामीणों प्रकाश ठाकुर और खेख राम ठाकुर ने कहा कि पलचान से बुरुआ, गौशाल, शनाग, मझाच और पलचान स्थित आर्मी ट्रांजिट कैंप को नेशनल हाईवे से जोड़ने वाली सड़क का 100 मीटर हिस्सा पूरी तरह बह गया था जिसे 38 बीआरटीएफ की 70 आरसीसी ने दिन रात काम करते हुए तय समय में बहाल कर दिया।
उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को भी जब नेशनल हाईवे बाधित हुआ था जिसे 70 आरसीसी ने 12 घंटों के अंदर बहाल कर दिया था।