आनी की गूंगी-दलाश सड़क (Gungi-Dalash Road) पनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। 4 किलोमीटर लम्बी इस सड़क पर अब पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सड़क की हालत ऐसी दयनीय बनी हुई है कि समझ नहीं आता कि सड़क में गढ्ढे हैं या गढ्ढों में सड़क।
वहीं चलोली गांव के पास सडक का डंगा भी गिरा पडा है जिस कारण बस सेवा भी पिछले एक सप्ताह से बंद पडी है। स्कूली छात्रों को पैदल दलाश पंहुचना पड़ रहा। छोटी कक्षाओं के छात्रों को बिना बस के स्कूल आना संभव नहीं हो पा रहा है। बावजूद इसके लोक निर्माण विभाग दलाश इस डंगे को लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
बता दें कि सोईधार-गूंगी-दलाश सडक सोईधार से शगोगी तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत पककी कर ली गई है। वहीं शगोगी से दलाश करीब 4 किलोमीटर तक ये सडक कच्ची है। स्थानीय ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने कई विभाग व सरकार से बची हुई 4 किलोमीटर सडक को पका करने की मांग की। किन्तु शासन व प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
सडक की हालत बद से भी बदतर बनी हुई है। सेब सीजन शुरू होने वाला है। सडक की दहनीय स्थिति व सडक पर गिरे हुऐ डंगे के कारण लोगों को सेब मंडी तक पंहुचाने में मुश्किलों का सामना करना पडेगा।
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण देवराज चौहान, प्रदीप चौहान, सुरजीत चौहान, ध्यान वर्मा, रूप लाल, विक्की वर्मा, देसराज शर्मा, सुशील शर्मा, त्रिलोक चंद, मंगत राम आदि का कहना है कि सडक की हालत को ठीक करने व इसको पक्का करने के लिए विभाग व सरकार से कई बार मांग की गई। लेकिन, विभाग ने ग्रामीणों की मांग पर कोई गौर नहीं किया।
ग्रामीणों ने दी कार्यालय के घेराव की चेतावनी
स्थानीय लोगों ने लोगों ने विभाग से कई बार सडक के गिरे डंगे को जल्द लगाने की मांग की है ताकि स्कूली छात्रों को बस की सुविधा मिल सके। ग्रामीणों ने विभाग को चेतावनी दी है कि अगर जल्द सडक पर डंगा नहीं लगाया गया तो दलाश में पी.डब्ल्यू.डी. के कार्यालय का घेराव किया जाऐगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं जब इस विषय पर एसडीओ पीडब्ल्यूडी दलाश ज्ञान भारती ने बताया कि डंगे का टैंडर हो गया है और काम भी शुरू हो चुका है। कुछ ही दिनों में इस सडक पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सडक को पक्का करने की डीपीआर बनाई जाएगी।