यदि आप लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको कैसा भोजन नहीं खाना चाहिए

6 महीने पहले

हेल्थ डेस्क

हमारा शरीर कोषों (cell) से बना हुआ है और रोज हमारे शरीर में कोष मरते हैं और जिंदा होते हैं। हर 5 साल बाद हमारे सारे कोष का नवीनीकरण (Innovation) हो जाता है और हमारा पूरा शरीर नया बन जाता है हर कोष अपने जैसा एक कोष छोड़कर जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि अगर हर कोष अपने जैसा एक कोष छोड़कर जाता है फिर हम बूढ़े क्यों होते हैं। इसका कारण है कोष का कमजोर होना। क्योंकि, हर पुराना कोष जब मरता है तो उसके बाद जो कोष आता है वह कमजोर पैदा होता है और इसी वजह से हम कुछ सालों बाद बूढ़े हो जाते हैं।

अब सवाल यह है कि हम 100 साल से भी अधिक समय तक स्वस्थ और जिंदा कैसे रहे? क्या ऐसा कुछ हो सकता है जिससे हमारी उम्र बढ़ जाए। इसका जवाब है “हां ऐसा हो सकता है।” लेकिन इसके लिए हमें कुछ ऐसा करना होगा जिससे हमारे शरीर के कोष जल्दी से नवीनकरण ना हो यानी कि कोषों की नवीनकरण प्रकिया थोड़ी धीमे से होने लगे। अब आप कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। तो इसका जवाब हमारे पूर्वजों ने हमें बहुत पहले दे दिया है लेकिन फिर भी बताते हैं।

कम खाना: हम जितना ज्यादा खायेंगे उतना ज्यादा हमारे कोष को काम करना पड़ेगा जिससे हमारे कोष जल्दी मुत्यु पाते है। इसीलिए हमारे बुजुर्ग कह गए हैं कि ज्यादा जीना है तो कम खाया करो, और ये बात आपको भी पता है हमारे दादा-दादी सिर्फ रोटी और दूध पीकर भी सो जाते है या थे।

चिंता करने से: जो इंसान ज्यादा चिंता करता है उसका शरीर उतना ही दुबला पतला होता है। क्योंकि, चिंता हमारे शरीर के कोषों को खत्म करती हैं। इसलिए जिंदगी में कितनी भी बड़ी समस्या आ जाए लेकिन चिंता नही करनी है। और वैसे भी चिंता करने से सिर्फ नुकसान ही होता है।

 

50 वर्ष की आयु के बाद कैसा भोजन नहीं खाना चाहिए

आपको क्या खाना चाहिए यह आप पर निर्भर करता है लेकिन आपको क्या नहीं खाना चाहिए विशेषज्ञ आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं।

यदि 50 वर्ष की आयु के बाड भी स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो सिर्फ दोपहर का भोजन ही ले।

चटपटा और मसालेदार, तीखा, अम्लीय व्यंजन, कचोरी, समोसे, मैदा मिठाइयां आदि सभी खाना छोड़ देना चाहिए।

सादा भोजन का अर्थ फुल्का रोटी, ज्वार की रोटी, गेहूं का चोकर, मूंग की दाल, उबला हुआ कनकी चावल, सेंधा नमक, हरे पत्तों का साग और पतली छाछ, गुड़ आदि अवश्य लें।

आपको बाहर की चीज कम खानी चाहिए।

मांसाहारी भोजन कम कर देना चाहिए।

कोल्ड ड्रिंक्स और शराब बिलकुल भी न पीएं।

अधिक शर्करा युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन कम करें।

बेसन का सेवन कम करें।

लाल मिर्च का सेवन कम करें सीने मे जलन की शिकायत हो सकती है।

मसालेदार भोजन कम करें।

गरिष्ट भोजन से बचना चाहिए।

बड़ा-मुगौरा भजिया आदि का सेवन कम कर दें।

 

इन बातों पर भी ध्यान दें

सुबह उठते ही वासी मुंह 250 मिलीलीटर पानी पीएं।

जयादातर पैदल ही चलें।

नाश्ते में फलाहार और जूस ही लें।

सुबह नाश्ते से पहले और रात को भोजन के बाद एक हजार कदम अवश्य चलें।

सूर्यास्त के बाद कुछ भी न खाएं।

रोजाना व्यायाम, योग और मेडिटेशन करें।

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