हिमाचल में 6 जगह बादल फटने से कोहराम, 50 लापता, 5 शव बरामद

रमेश कंवर : शिमला

Himachal News: हिमाचल प्रदेश में छह जगह बादल फटने से भारी तबाही की खबर है। प्रदेश में बुधवार मध्यरात्रि भारी बारिश ने कहर बरपाया है। प्रदेश में 50 लोग लापता हो गए हैं। अभी तक पांच शव बरामद हो चुके हैं। 47 घर, 10 दुकानें, 7 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, बस अड्डा, 18 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गया है।

कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजवन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। प्रदेश में दो एनएच समेत 445 सड़कें बंद चल रही हैं। प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं।

चंबा जिले की राजनगर पंचायत के रूपणी नाले में बुधवार रात 1 बजे बादल फटने से बाढ़ की चपेट में आने से 20 वाहन मलबे में दब गए।

लाहौल के जाहलमा में भी बादल फटने से निचले क्षेत्रों में नुकसान हुआ है।

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समेज में 85 किलोमीटर में होगा सर्च ऑपरेशन

रामपुर के झाकड़ी क्षेत्र से सटे समेज खड में बादल फटने की घटना 31 जुलाई देर रात होने के कारण 36 लोग लापता हो गए है। जिला प्रशासन ने इन लोगों को रेस्क्यू करने के लिए आज सुबह साढ़े पांच बजे से बचाव कार्य आरंभ कर दिया।

डीसी शिमला अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी सुबह की मौके पर पहुंच गए। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला प्रशासन, पुलिस सहित सभी विभाग एक जुट होकर बचाव कार्य में लगे हुए है। करीब 85 किलोमीटर तक के क्षेत्र में बचाव कार्य को किया जाना है। इस बचाव कार्य को लेकर प्रभावित क्षेत्र को छह हिस्सों में बांटा गया है। 36 लोगों के लापता होने की पुष्टि हो पाई है। इनमें से तीन लोग कुल्लू क्षेत्र से संबध रखते है जबकि 33 शिमला क्षेत्र में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ हिस्से की निगरानी एसडीएम कुमारसैन कर रहे है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन दल को बचाव कार्य टीम में शामिल किया गया है।

पुलिस को प्राथमिक सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल एसडीआरएफ, पुलिस, होम गार्ड अग्निशमन दल की टीम बनाकर मौके के लिए रवाना किया। लेकिन घटना स्थल पर पहुंचना काफी चुनौती भरा था। घटना स्थल तक जाने वाली सड़क दोनों तरफ टूट चुकी थी। ऐसे में बचाव दल दो किलोमीटर पैदल चलकर ही घटना स्थल पर पहुंचा। देर रात को समेज में भारी बारिश और बादल फटने से कई घर बह गए। उन्होंने कहा कि सुबह सूर्योदय के साथ ही बचाव कार्य पुनः आरंभ होगा और सूर्यास्त के साथ कार्य समाप्त हुआ करेगा। उन्होंने कहा कि बचाव कार्य में लगी टीम को अलग-अलग स्थानों पर ठहराया गया। इसमें कुछ स्थानीय युवक मंडल और लोग भी मदद कर रहे है।

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एडीसी को डिप्टी इंसीडेंट कमांडर किया नियुक्त

इस घटना को देखते हुए उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा को डिप्टी इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किया है, जोकि सुन्नी कोलडैम में ही तैनात किए गए है। इसके साथ ही आपदा में लापता लोगों को कोलडैम में ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन की निगरानी करेंगे। वीरवार को दिन भर सर्च ऑपरेशन किया लेकिन कोई रेस्क्यू नहीं हो पाया।

 

टाईम लाइन

– 31 जुलाई देर रात 12ः15 बजे बादल फटने की घटना

– झाकड़ी पुलिस स्टेशन में सुबह सवा तीन बजे के करीब पंचायत उप प्रधान ने घटना की सूचना दी

–  हेंड कांस्टेबल संजीव की अगुवाई में पुलिस की टीम घटना स्थल के लिए साढ़े तीन बजे रवाना

– करीब पौने चार बजे ग्रीनको कंपनी की ओर से एसडीएम रामपुर निशांत तोमर को सूचना मिली।

– चार बजे एसडीएम ने एनडीआरएफ एसडीआरएफ, पैरामिलिटरी फोर्स, पुलिस से संपर्क कर लिया था।

– करीब पांच बजे एसडीएम रामपुर अपनी टीम के साथ घटना स्थल के लिए रवाना हुए।

– पांच बजकर 40 मिनट पर एसडीएम घटनास्थल पर पहुंचे।

– खड के दूसरी तरफ 10 लोग फंसे हुए थे जिन्हें रेस्क्यू करने में करीब चार घंटे लगे।

– सुबह सात बजे के करीब सारे बचाव दल घटना स्थल पहुंचे।

–  सुबह सवा दस बजे के करीब उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक  संजीव गांधी घटना स्थल पर पहुंचे।

–  सुबह साढ़े दस बजे तक सभी लोगों को रेस्कयू कर लिया गया।

– दोपहर करीब 12 बजे रेस्क्यू अभियान के दौरान दो मानव अवशेष मिले है।

 

एक पल भी नहीं सोए- प्रत्यक्षदर्शी

ग्रीनको प्रोजेक्ट में रात्रि डयूटी के दौरान तीन कर्मी थे। इनमें सुरक्षा कर्मी पूर्ण, इंजीनियर पदम और इलेक्ट्रिशियन हितेष शामिल थे। जब रात को बादल फटने की घटना सामने आई तो तीनों ने इसकी सूचना प्रोजेक्ट के आला प्रबंधन को दी। तीनों यहां से निकलना चाहते थे लेकिन बाहर पानी अधिक होने के कारण वह अंदर ही फंस गए थे। सुबह सात बजे ये तीनों यहां से रेस्क्यू किए गए। पूर्ण ने जानकारी देते हुए कहा कि जब अचानक पानी खड में बढ़ गया तो हमने बाहर जाने की कोशिश करनी चाही, लेकिन तीनों ने फिर फैसला लिया कि टनल के अंदर ही रूक कर सुबह तक का इंतजार करें। रात को बिजली भी नहीं थी ऐसे में गांव के बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा रहा था। ये रात हमारे लिए भयानक रात थी। हम पूरी रात जागते रहे और एक पल के लिए भी नहीं सोये।

 

प्रभावित श्रेत्र को छह हिस्सों में बांटा

घटना से प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए जिला प्रशासन ने छह हिस्सों में विभाजित कर दिया गया है। पहले हिस्से में एनडीआरएफ की टीम, दूसरे हिस्से में भारतीय सेना, तीसरे में सीआईएसएफ, चौथे में आईटीबीपी तथा पांचवें और छठे हिस्से में पुलिस, होम गार्ड और त्वरित कार्रवाई दल की तैनाती की गई हैै।

 

बुशहर सदन में ठहराए जाएंगे प्रभावित

इस घटना में आपदा प्रभावित लोगों को बुशहर सदन रामपुर में ठहराया जाएगा। इसके लिए पूरे भवन को स्थानीय प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। इसके साथ ही यहां पर सारी औपचारिकताएं और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएगी। यहां पर करीब 100 क्षमता तैयार की गई है।

 

जनता टोल फ्री नंबर 1077 नंबर में सूचना दें

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आपातकालीन नंबर जारी किया हुआ। आपदा से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी टोल फ्री नंबर 1077 पर सांझा कर सकते है। इसके अलावा जिला शिमला के लिए चार हेल्पलाईन जारी की गई है जिनमें  0177-2800880, 2800881, 2800882 और 2800883 है। वहीं व्हाट्सएप नंबर 94594-55841 भी जारी कर दिया है। इस पर सूचना साझा कर सकते है। इसके अलावा किसी भी आपदा के दौरान उक्त नंबरों के माध्यम से सही सूचना भी प्राप्त कर सकते है।

 

36 लापता लोगों की पहचान

अभी तक 36 लोगों के लापता होने की पहचान हो पाई है। इसमें 33 लोग जिला शिमला क्षेत्र में रह रहे थे जिसमे 4 प्रवासी मजदूर, 8 लोग कंदराहड़ और खुश्वा क्षेत्र से, 7 कर्मचारी ग्रींको प्रोजेक्ट समेज के और 14 स्थानीय निवासी समेज गांव के लापता है। इसके अतिरिक्त, 3 लोग जिला कुल्लू से संबंध रखते हैं।

 

समेज से लापता प्रवासी श्रमिकों की सूची

  1. ममता पत्नी राज कुमार पांडे निवासी झारखंड
  2. मुस्कान पुत्री राज कुमार पांडे निवासी झारखंड
  3. रूपनी देवी पत्नी भोला नाथ उराँवए पता झारखण्ड
  4. 4. अंजलि पुत्री भोला नाथ उराँव पता झारखण्ड।

 

कुशवा बाइफ्रिकेशन के पास कंदराहड़ से लापता स्थानीय लोग

  1. सूरत राम पुत्र स्वर्गीय कौल राम गांव कनराहड़ डा सुगा तह रामपुर उम्र 58 वर्ष
  2. संतोष कुमारी पत्नी सूरत रामए उम्र 54 वर्ष से अधिक गांव कंदराहड़
  3. नीरज कुमार पुत्र सूरत राम उम्र 30 से ऊपर गांव कंदराहड़
  4. अर्चना पत्नी राजेश कुमार ग्राम कानरहद डा सुगा तह रामपुर उम्र 23 वर्ष कंदराहड़
  5. अनीता पत्नी अशोक कुमार गांव कंदराहड़ डा सुगा तह रामपुर उम्र 40 वर्ष
  6. योग प्रिया पुत्री अशोक कुमार ग्राम कंदराहड़ उम्र 11 वर्ष
  7. मुकेश पुत्र अशोक कुमार ग्राम कनराहड़ पो सुगा तह रामपुर उम्र 19 वर्ष
  8. वेद राज पुत्र कौल राम गांव गाड़ पो सुगा तह निरमंड कुल्लू उम्र 55

 

लापता ग्रीनको समेज हाइड्रो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की सूची

  1. पुष्प देव शर्मा ग्राम खुन्ना रामपुर
  2. हरदीप सिंह ग्राम नगरोटा बगवा कांगड़ा
  3. हरदेव सिंह ग्राम सैंज, कुल्लू
  4. अजय कुमार निवासी शिलाई, सिरमौर
  5. भाग चंद निवासी शिंगला, रामपुर
  6. सिद्धार्थ खेड़ा निवासी कांगड़ा
  7. रूप सिंह गांव सिका सेरी सरपारा, रामपुर

 

समेज गांव से लापता लोग

  1. शिक्षा पत्नी गोपाल गांव व डाकघर सुगा निवासी रामपुर उम्र 37 वर्ष
  2. जिया पुत्री गोपाल उम्र 15 वर्ष से अधिक
  3. कल्पना पत्नी जय सिंह सनैल गांव कांदरी डा फांचा तह रामपुर उम्र 34 साल
  4. अक्षिता पुत्री जय सिंह स्नैल उम्र 07 वर्ष से अधिक
  5. अद्विक पुत्र जय सिंह सनायल जोड़ उम्र 04 वर्ष से ऊपर
  6. कृष्णा देवी पत्नी स्वर्गीय पुरूषोत्तम ग्राम सरपारा तह रामपुर उम्र 70 वर्ष
  7. श्याम सिंह पुत्र चंदर सिंह ग्राम समेज उम्र 39 वर्ष
  8. आरुषि पुत्री श्याम सिंह ग्राम समेज उम्र 13 वर्ष
  9. अरुण पुत्र श्याम सिंह ग्राम समेज उम्र 15 साल
  10. सरस्वती पत्नी श्याम सिंह गांव समेज उम्र 33 वर्ष से अधिक
  11. तनु केदारटा पुत्री रविंदर केदारनाथ गांव समेज उम्र 15 वर्ष
  12. रानू केदारटा पुत्री रविंदर केदारटाए उम्र 16 वर्ष से अधिक
  13. आरुषि पुत्री श्याम सिंह ग्राम समेज
  14. मंगला देवी पत्नी सुना राम ग्राम समेज उम्र 70 वर्ष

 

जिला कुल्लू से सम्बंधित 3 लोग

  1. नेवता देवी
  2. जीऊ राम
  3. वेदू

कुल्लू: मलाणा डैम साइट में फंसे 37 में से 33 लोगों को किया रेस्क्यू

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कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में गुरुवार सुबह बादल फटने से आई बाढ़ के कारण मलाणा पावर प्रोजेक्ट-एक का बांध टूट गया। बाढ़ से बलाधी गांव में एक सरकारी स्कूल, दो मंदिर, आठ मकान बह गए। नाले के उफान पर आने से पार्वती नदी में भी पानी बढ़ गया और नदी पर बना पुल बह गया। शॉट स्थित सब्जी मंडी का बहुमंजिला भवन भी बह गया है।

मलाणा वन डैम साइट में फंसे 37 में से 33 लोगों को एनडीआरएफ तथा होम गार्डस की टीमों द्वारा सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। इसके आलावा 4 लोग अभी भी टनल में फसे हैं,  जो कि सुरक्षित हैं। यहां पहुंचने के लिए पैदल मार्ग से जाकर एनडीआरएफ की टीमें उन्हे निकालने के लिए कार्य कर रहे हैं। स्थानीय लोग भी रेस्क्यू में साथ दे रहे हैं।

बलाधी गांव में बाढ़ आने से फंसे आठ परिवारों के 22 लोगों और 23 नेपालियों को रेस्क्यू कर लिया गया है।

बचाव टीम ने कुल्लू शहर से तीन किमी दूर ब्यास में छरूडू में फंसे नौ लोगों को भी सुरक्षित निकाला।

बाढ़ से दो मंदिर को भी नुक्सान पहुंचा है लोगों की जमीनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसके नुकसान का आकलन राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है।

इसमें क्षेत्र में 13 किलोमीटर बिजली लाइन डैमेज हो गई है जिसको सुचारू करने का कार्य भी शुरू किया गया है।

सैंज बाजार में निजी बस और मोटरसाइकिल पिन पार्वती नदी में बह गई।

 

सुन्दर सिंह ठाकुर ने किया बाढ़ प्राभावित क्षेत्रों का दौरा

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सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर ने आज मणिकर्ण के जच्छनी, बगियांदा, जरी, चौकी, तोश सहित सभी बाढ़ प्राभावित स्थानों का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि कहा प्रशासन और सरकार पूरी तरह सतर्क, मुस्तैद एवं क्रियाशील है। मुख्यमंत्री से लगातार सम्पर्क बनाकर प्रत्येक स्थिति की रिपोर्ट दी जा रही है।

शाट में सब्जी मण्डी का एक भवन पानी में बह गया है फिलहाल के लिए अस्थाई सब्जी मंडी के लिए सुरक्षित स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। बलादी गांव के 8 परिवार प्रभावित हुए हैं जिन्हे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आवश्यक चीजों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि  बलादी तथा चौकी गांव वासियों की भूमी के साथ पानी का बहाव सही करके लोगों की जमीनों को  बचाएं।

उन्होंने कहा कि फ्लड मिशन के कार्य के चलते मणिकरण रोड में जो डंगे लगे हैं, सड़कों का डंगे लगने से बचाव हुआ है। उन्होंने तोश में 10 दिनों में फुट ब्रिज बनाकर तैयार करने के भी निर्देश दिए।

 

राजवन में तीन घरों का नामोनिशान मिटा

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मंडी जिले के पधर की चौहार घाटी के दुर्गम गांव राजवन में बुधवार रात बादल फटने से आए मलबे में दबने से तीन घरों का नामोनिशान मिट गया। इनमें रह रहे 12 लोगों में से तीन की मौत हो गई है, जबकि दो घायल अवस्था में मिले। सात लोग अभी भी लापता हैं। इन में चार बच्चे, दो महिलाएं व एक युवक है। इसके अलावा थल्टूखोड़-ग्रामीण सड़क पर बने तीन पुल और दो घराट बह गए हैं।

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उफान पर नदियां

कुल्लू में भारी बारिश के बाद व्यास और पार्वती नदी उफान पर हैं। जिसका असर वहां किनारे बसे इलाकों पर दिख रहा है। व्यास नदी की उफनती लहरों ने एक निर्माणाधीन इमारत को जमींदोज कर दिया। नदी में उफान के बाद कुल्लू-मनाली NH 3 बाधित हो गया है। पार्वती नदी का भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ गया है। जिया, भुंतर सहित नदी तट पर लगते तमाम क्षेत्रों से लोगों को अपने घर खाली कर सुरक्षित जगह जाने की अपील की गई है। इसके साथ-साथ ही व्यास और तीर्थन नदियों में भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। सभी से नदी नालों से सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए अपील की गई है।

 

नंद लाल ने किया निरीक्षण

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7वें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक नंद लाल ने घटना स्थल का दौरा किया। उन्होंने बचाव कार्यों में तीव्रता लाने के आदेश दिए है। इसके साथ ही लापता लोगों को ढूंढ़ने लिए प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस पूरी तरह प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों का राहत राशि जारी कर दी गई है।

 

सीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक

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समेज खड्ड में बादल फटने की घटना से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू राजस्व मंत्री के साथ शिमला से हेलीकॉप्टर के माध्यम से रवाना हुए। मौके पर पहुंच पर प्रभावितों से मिलेंगे और बचाव के कार्यों का निरीक्षण करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक ली है। उन्होंने एयरफोर्स को भी तैयार रहने को कहा है।

 

मुख्यमंत्री शुक्रवार को करेंगे रामपुर क्षेत्र का दौरा

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू बादल फटने की घटना से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए 2 अगस्त, 2024 (शुक्रवार) को शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि रामपुर क्षेत्र के दौरे के कारण वह कल शिमला में आम जनता से नहीं मिल पायेंगे।

 

संकट की स्थिति में हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ: नड्डा

JP Nadda

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के कारण हुए विनाशकारी नुकसान और जनजीवन के अस्त-व्यस्त होने के दुःखद समाचार पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। श्री नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर वार्तालाप इस प्राकृतिक आपदा की विकट परिस्थितियों की जानकारी ली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हर संभव मदद करने आश्वासन दिया। उन्होंने इस संकट की स्थिति में हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़े रहने और उनकी हर संभव मदद करने का भरोसा दिया। जगत प्रकाश नड्डा ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल से भी बात की और सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में तुरंत जुटने का निर्देश दिया।

 

प्रतिभा सिंह ने जताई संवेदना

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने कुल्लू, मण्डी व रामपुर में बादल फटने की घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए लोगों से अपने जानमाल की सुरक्षा व पूरी तरह से एहतियात बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने  इन क्षेत्रों में कुछ लोगों के मारे जाने की सूचनाओं और कुछ के लापता होने पर दुःख व्यक्त किया है। प्रतिभा सिंह ने प्रशासन से प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद देने व लापता लोगों को सुरक्षित ढूढने के पूरे प्रयास करने को कहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से भी आपदा प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद देने का आग्रह किया है।

 

भुवनेश्वर गौड़ ने लिया बाढ़ का जायजा

Bhuvenshavar Gaur

मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने आज NHAI के उच्च अधिकारिओं के साथ रायसन में पिछले कल रात को तेज बारिश के कारण आई बाढ़ का जायजा लिया। उन्होंने कहा अभी क्षेत्र व प्रदेश पिछले साल आई बाढ़ से उभरा ही था कि फिर से ऐसी भयानक स्थिति आन पड़ी, जिसके कारण सड़क पूरी से क्षतिग्रस्त हो गयी है। इस कारण सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दी गई है। विधायक ने NHAI के अधिकारिओं को सड़क को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए। विधायक ने क्षेत्रवासियों से आग्रह किया है कि ऐसी स्थिति में लोग अनावश्यक यात्रा न करें घर में रहें और सुरक्षित रहें।

 

गोविंद ठाकुर ने सरकार पर लगाए आरोप, बोले गलत ड्रेर्जिंग से हुआ नुकसान

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने पलचान गांव का दौरा करने के बाद सरकार पर गांववासियों की सुरक्षा के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई बादल फटने की घटना के कारण व्यास नदी का रुख गांव की ओर हो गया है, जिससे लगभग 10 से ज्यादा घरों को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। गांव को सुरक्षित रखने के लिए व्यास नदी का रुख बदलने की अत्यंत आवश्यकता है, परंतु अब तक इस पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। ब्यास नदी मे हुई गलत ड्रेर्जिंग से रिहायशी इलाकों को नुकसान हो रहा है। ड्रेर्जिंग की बजाय ब्यास मे खनन किया गया। जिसके परिणाम अब नदी तट पर बसे लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं।

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