Himachal News: टनल धंसने से हटोण गांव को मंडराया खतरा, प्राइमरी स्कूल सहित 8 परिवारों ने खाली किए घर

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मंडी | चंडीगढ़-मनाली सडक़ पर पंडोह में टनल का एक हिस्सा धंसने के कारण डयोड के समीप गांव हटोण गांव पर बड़ा संकट आ गया है। गांव पर मंडराए संकट के चलते 8 परिवारों ने अपने घरों को खाली कर दिया है। इन सभी के घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। वहीं, प्राइमरी स्कूल को भी खाली करवा दिया गया है क्योंकि यहां पर भी काफी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।

बता दें कि डयोड गांव के नीचे से निर्माणाधीन टनल के ठीक उपर एक बहुत बड़ा गढ्डा बन गया था, जिसका आकार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यह गड्ढा मंगलवार को हुई भारी वर्षा के बाद बना है जिसे बुधवार को देखा गया। गड्ढा इतना गहरा है कि डयोड टनल के अंदर मलबा गिरने से टनल को खतरा बन गया है। हालांकि टनल का निर्माण कार्य बीते 4 महीनों से बंद पड़ा है लेकिन अचानक एक हिस्सा धंसने के बाद से यहां बाकी जमीन में धंसने का सिलसिला शुरू हो गया है।

 

ग्रामीणों ने लगाए ये आरोप

स्थानीय लोगों ने फोरलेन के निर्माण में जुटी कंपनी पर आरोप लगाया है कि हमारे हटोण को खतरा डयोड टनल निर्माण के कारण ही बना है। टनल निर्माण की ब्लास्टिंग से पहाड़ हिल चुके हैं। एक वर्ष पूर्व ही घरों और पहाड़ों पर आईं दरारों की जांच के लिए डीसी मंडी व एनएचएआई को सूचित किया था, मगर न तो जांच की गई और न ही हमारी किसी प्रकार से कोई मदद की गई, जिसके परिणाम आज सामने हैं। लोगों का आरोप है कि टनल से पूर्व ज़मीन और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की गहनता से जांच नहीं की गई।

 

घरने में रहने से सताने लगा है खतरा

जिन लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं उनमें लुदरमणि, तारा चंद, यादव, हरदेव शर्मा, हुकुम चंद, नंद लाल, कपूर चंद और वेद प्रकाश शामिल हैं। प्रभावित लोगों ने बताया कि घरों पर दरारें आने के कारण बीती रात को भी उन्होंने दूसरों के घर पर शरण ली थी। अब घरों में रहने को डर लग रहा है और इस कारण घरों को खाली कर दिया है। पंडोह पुलिस ने मौका करते हुए एहतियातन तौर पर हटौण गांव की सडक़ को बंद कर दिया है। दो गोशालाओं को खाली करवा दिया है। हटौण गांव के लोग दहशत में हैं।

 

घटना के अलगे दिन पहुंचे अधिकारी, लोगों ने मुंह पर सुनाई खरी-खरी

कंपनी के अधिकारी मौके पर काफी देरी से पहुंचे हैं। घटना के दूसरे दिन मौके पर आए शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी के अधिकारियों को लोगों के आक्रोश का जमकर सामना करना पड़ा। गुस्साए लोगों ने कंपनी के अधिकारियों को खरी-खरी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लोगों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए और दोटूक शब्दों में चेतावनी दी कि अगर समय रहते पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए गए तो फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

 

कंपनी के अधिकारियों को लिखित में माननी पड़ी बातें

ग्रामीणों के आक्रोश के आगे शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी के अधिकारियों का एक भी आश्वासन काम नहीं आया। ग्रामीण इस बात पर अड़ गए कि जब तक लिखित में नहीं मिलेगा तब तक वे अधिकारियों को मौके से जाने नहीं देंगे। इसके बाद शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी के टीम लीडर आदर्श पन्होत्रा ने ग्रामीणों को लिखित में दिया कि स्कूल को निजी भवन में चलाने के लिए भवन कंपनी की तरफ से उपलब्ध करवाया जाएगा।

इसके अलावा जिन लोगों ने घर खाली किए हैं उन्हें किराए पर कंपनी की तरफ से मकान मुहैया करवाए जाएंगे। जहां पर गढ्डा हुआ है वहां पर दोनों तरफ बच्चों और ग्रामीणों के आने-जाने के लिए कंपनी के वाहन तैनात किए जाएंगे। जल्द ही धंसे हुए हिस्से के स्थायी और पक्के समाधान का प्रयास किया जाएगा।

 

NHAI की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान

इस घटना ने NHAI की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं, जबकि टनल में आई केविटी ने निर्माण कंपनी की लापरवाही और अनियमिताओं की पोल खोल कर रख दी है। बता दें कि 3 माह से टनल निर्माण कार्य ठेकेदारों की पेमेंट अदा न करने के कारण पूरी तरह से बंद है। ऐसे में टनल के भीतर किसी भी प्रकार धंसाव होना बहुत ही हैरान करना वाला है।

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