हिमाचल के हितों की पैरवी करने में नाकाम जेपी नड्डा: रोहित ठाकुर बोले आपदा में नहीं मिली विशेष मदद, केंद्र से मिलने वाली आर्थिक मदद भी घटी

4 महीने पहले

नेशनल न्यूज़ नेटवर्क: शिमला

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा अपने घर हिमाचल प्रदेश में केवल राजनीतिक पर्यटक बन कर रह गए हैं। चुनाव के दिनों में वह हिमाचल के लोगों से वोट मांगने आते हैं। इतने बड़े पद पर रहते हुए भी वह दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के हितों की पैरवी करने में नाकाम रहे हैं।

रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले मानसून सीज़न में हिमाचल प्रदेश में आई सबसे बड़ी आपदा के दौरान नड्डा आपदा प्रभावित परिवारों को केंद्र सरकार से एक पैसे की भी विशेष मदद दिलाने में नाकाम रहे, जबकि इस आपदा में 550 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और राज्य को 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद भी कम हुई है। केंद्र से मिलने वाली रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट को घटाकर कर 1800 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जिसे अगले वर्ष और कम कर दिया जाएगा। यही नहीं, जीएसटी कंपोनेंट के अंतर्गत प्रति वर्ष मिलने वाली 2500 करोड़ रुपए  की धनराशि भी बंद कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने पर हिमाचल प्रदेश के लिए ऋण लेने की सीमा 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दी गई है, जिससे 1700 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि एक्टर्नल एडेड प्रोजेक्ट के लिए भी केंद्र सरकार ने तीन साल में 3000 करोड़ रुपए की लिमिट तय कर दी है। सेंट्रल ट्रांसफर के भाजपा सरकार के कार्यकाल में मिलने वाले 4151 करोड़ को घटाकर 3395 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों की भी पैरवी भी नहीं की। अन्यथा आयात शुल्क को तीन गुणा बढ़ाने की जगह मोदी सरकार इसे कम करके 50 प्रतिशत नहीं करती। आयात शुल्क घटाने से देश में सेब का रिकॉर्ड आयात हुआ है और प्रदेश के बागवानों पर मार पड़ी है। भाजपा ने सेब का कंसंट्रेट को जूस में मिलाकर बागवानों को समृद्ध बनाने की बात कही थी, लेकिन यह बात भी जुमला ही साबित हुई है।

उन्होंने कहा कि एमआईएस के तहत 50:50 के अनुपात में मिलने वाली आर्थिक सहायता को बंद कर दिया गया और इसके स्थान पर केंद्र सरकार से केवल एक लाख रुपए टोकन मनी दिया जा रहा है।

रोहित ठाकुर ने कहा कि जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से आते हैं और उन्हें इन बातों पर राज्य के हितों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार के सामने रखना चाहिए था, लेकिन वह दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं।

Posted By: National News Network

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