नेशनल न्यूज़ नेटवर्क: नई दिल्ली
मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी…..लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही नरेंद्र मोदी ने इतिहास रचा। यह उपलब्धि हासिल करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी दूसरे और पहले गैर-कांग्रेसी नेता बने।
राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। करीब छह दशक के बाद यह पहली बार हुआ जब किसी नेता ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ ली।
मंत्रिमंडल के पहले चरण में 71 मंत्री बनाए जा रहे हैं। इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्री बनाए जा रहे हैं।
इन्होंने ली कैबिनेट मंत्केरी रूप में शपथ
वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, शिवराज चौहान, निर्मला सीतारमण, एस जय शंकर, मनोहर लाल खट्टर, एचडी कुमारस्वामी, पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान, जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह, सर्बानंद सोनोवाल, वीरेंद्र खटीक, के. राममोहन नायडू, प्रहलाद जोशी, जुएल ओराम, गिरिराज सिंह, अशिवनी वैष्णव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेन्द्र यादव, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अन्नपूर्णा देवी, किरेन रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मांडविया, जी किशन रेड्डी, चिराग पासवान, सीआर पाटिल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
इन्होंने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में ली शपथ
राव इन्द्रजीत सिंह, जितेन्द्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, प्रताप राव जाधव, जयंत चौधरी ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
इन्होंने राज्य मंत्री के रूप में ली शपथ
जितिन प्रसाद, श्रीपद नाइक, पंकज चौधरी, कृष्णपाल गुर्जर, रामदास आठवले, रामनाथ ठाकुर, नित्यानंद राय, अनुप्रिया पटेल, वी सोमन्ना, पी चंद्रशेखर, एसपी सिंह बघेल, शोभा करंदलाजे, कीर्ति वर्धन सिंह, बीएल वर्मा, शांतुन ठाकुर, सुरेश गोपी, एल मुरुगन, अजय टम्टा, बंडी संजय कुमार, कमलेश पासवान, भागीरथ चौधरी, सतीश चन्द्र दुबे, संजय सेठ, रवनीत सिंह बिट्टू, दुर्गा दास उड़के, रक्षा खडसे, सुकांत मजूमदार, सावित्री ठाकुर, तोखन साहू, राजभूषण चौधरी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा, हर्ष मल्होत्रा, नीमूबेन बमभानिया, मुरलीधर मोहोल, जॉर्ज कूरियन, पबित्रा मार्गेरिटा ने राज्य मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह में इन देशों के शासनाध्यक्ष भी हुए शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफिफ, नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री पीके जगन्नाथ, भूटानी पीएम शेरिंग तोबगे और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सहित कई देशों के राजदूत-उच्चायुक्त, देश के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट हस्तियां सहित करीब आठ हजार लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने।
सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वालों में नरेंद्र मोदी भी, क्या तोड़ेंगे इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड?
नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में ताजपोशी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। तीसरी बार शपथ लेते ही वह जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली। पंडित नेहरू 1947 से 1964 तक करीब 17 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 16 वर्ष, 9 महीने, 13 दिनों तक प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए 27 मई, 1964 को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चार बार देश की प्रधानमंत्री रहीं। 1966 में लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद इंदिरा ने 1966 से 1977 तक लगातार तीन कार्यकालों तक देश की सत्ता संभाली थी। 1967 में हुए चुनाव में जीत दर्ज करके उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद 1971 के चुनाव में जीत दर्ज करके इंदिरा ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इंदिरा ने 1975 में आपातकाल लगाया। इसके चलते जो कार्यकाल 1976 में खत्म हो सकता था वह 1977 में आपातकाल खत्म होने तक जारी रहा। उनका चौथा और अंतिम कार्यकाल 1980 से 1984 तक था। 31 अक्तूबर 1984 को इंदिरा की उनके घर के बाहर उनके दो अंगरक्षकों ने हत्या कर दी। इंदिरा गांधी 15 वर्ष, 11 महीने और 22 दिनों तक देश की प्रधानमंत्री रहीं। सत्ता संभालने के बाद लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी अगर यह कार्यकाल पूरा करते हैं तो वह तीसरे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता हो जाएंगे। हालांकि, तीसरे कार्यकाल में भी वह इंदिरा के रिकॉर्ड की बराबरी नहीं कर पाएंगे।
सफरनामा: आज तक कोई भी चुनाव नहीं हारे नरेंद्र मोदी
7 अक्तूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद से आज तक वह कोई भी चुनाव नहीं हारे हैं।
- 7 अक्तूबर, 2001 को नरेंद्र मोदी ने केशुभाई पटेल की जगह गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
- मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2002 को पहली बार राजकोट उपचुनाव में जीत हासिल की थी।
- मुख्यमंत्री बनने के एक साल के बाद ही गुजरात में दिसंबर 2002 में फिर विधानसभा चुनाव हुए। सभी मान रहे थे कि नरेंद्र मोदी एक साल बाद ही होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाएंगे, लेकिन उन्होंने सभी को गलत साबित करते हुए 2002 के गुजरात विधानसभा चुनाव में जोरदार जीत हासिल कर एक बार फिर से सीएम पद की शपथ ली।
- 2002 के चुनाव में नरेंद्र मोदी अहमदाबाद की मणिनगर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे।
- नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की। इस दौरान मोदी मणिनगर सीट से चुनाव जीतते रहे।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया। 2014 के चुनाव में भाजपा ने मोदी लहर में जोरदार जीत हासिल की और नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
- नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की।
- 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा ने पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई और पीएम मोदी फिर से वाराणसी से सांसद चुने गए।
- 2024 के चुनाव में भी पीएम मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की और 09 जून 2024 को तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनें।
बचपन में ही हुआ आरएसएस से जुड़ाव
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ था। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता दामोदर दास मोदी वडनगर स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे, जिस पर बचपन में नरेंद्र मोदी भी काम किया करते थे। बचपन में ही नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। इस दौरान उन्होंने संघ के प्रांत प्रचारक लक्ष्मणराव इनामदार के असिस्टेंट के तौर पर भी काम किया। साल 1972 में नरेंद्र मोदी खुद संघ प्रचारक बन गए और उन्होंने कई सामाजिक आंदोलनों में हिस्सा लिया। संगठन और सामाजिक काम करते हुए पीएम मोदी साल 1981 में प्रांत प्रचारक बने। प्रांत प्रचारक रहते हुए उन्हें आरएसएस की विभिन्न शाखाओं जैसे भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद आदि के समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई। इस तरह नरेंद्र मोदी ने जमीनी स्तर पर काम करके संघ के कामकाज समझा और संगठन की समझ हासिल की। शायद वही संगठन की समझ है, जिसकी वजह से नरेंद्र मोदी आज भी जनता के विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए सीधे तौर पर जुड़े रहते हैं। यही खासियत उन्हें जननेता बनाती है और दूसरे नेताओं से अलग करती है।
भाजपा के कई आंदोलनों और यात्राओं के लिए बनाई रणनीति
गुजरात में संघ का काम करते हुए ही नरेंद्र मोदी की संगठन क्षमता की गूंज पार्टी में दिल्ली तक पहुंची। लालकृष्ण आडवाणी साल 1986 में भाजपा के अध्यक्ष बने तो उन्होंने ही नरेंद्र मोदी की संघ से भाजपा में एंट्री कराई और उन्हें पार्टी में संगठन मंत्री का पद दिया। जब आडवाणी ने 1990 में सोमनाथ मंदिर से देश के पश्चिमी तट तक चर्चित रथ यात्रा निकाली तो गुजरात में रथ यात्रा के आयोजन की जिम्मेदारी मोदी को ही सौंपी गई। साल 1991 में जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक एकता यात्रा निकाली तो उस यात्रा के आयोजन, संगठन की पूरी जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी ने ही उठाई थी। इन्हीं यात्राओं के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में मोदी एक जाना पहचाना नाम बन गए। गुजरात में भाजपा संगठन को मजबूत करने में मोदी की अहम भूमिका रही। बाद में सीएम पद पर रहते हुए उन्होंने देश को विकास का गुजरात मॉडल दिया, जिसके दम पर भाजपा गुजरात में आज तक अंगद का पैर जमाकर सत्ता पर काबिज है।
ऐतिहासिक फैसले रहे पहचान
गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने विकास का गुजरात मॉडल दिया, जिसने पूरे देश में उनकी खास पहचान बनाई। इसी पहचान के दम पर साल 2014 में उन्हें भाजपा ने पीएम पद का दावेदार घोषित किया। 2014 में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे काम किए, जो क्रांतिकारी साबित हुए, जिनमें मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों ने देश के विकास को गति दी तो सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक ने उनकी छवि एक ऐसे नेता की बनाई, जो दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देना जानता है। पीएम मोदी ने देशवासियों में देश को लेकर एक विश्वास और स्वाभिमान की भावना जाग्रत की। जिसके दम पर साल 2019 में भाजपा बंपर बहुमत लेकर सत्ता में वापस लौटी। दूसरे कार्यकाल में कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए हैं। इनमें जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 हटाना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शामिल है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश बेहतर स्थिति में है। रूस-यूक्रेन युद्ध, इस्राइल-हमास युद्ध और चीन के आक्रामक रूख के खिलाफ पीएम मोदी ने जिस तरह से स्टैंड लिया है, साथ ही जी20 के सफल आयोजन और दुनियाभर में पीएम मोदी की लोकप्रियता ने उन्हें मजबूत वैश्विक नेता के तौर पर स्थापित कर दिया है।