सुक्खू का आशीष शर्मा पर कड़ा प्रहार: कहा जनसेवक नहीं, ठेकेदार हैं पूर्व विधायक, 14 महीने में 135 करोड़ रुपये के लिए ठेके

Sukhvinder Singh Sukkhu

रमेश कंवर: शिमला 

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukkhu) ने कहा कि हमीरपुर के पूर्व विधायक आशीष शर्मा ठेकेदार हैं, जनसेवक नहीं। उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार में 50 करोड़ रुपये का काम किया, जबकि कांग्रेस की 14 महीने की सरकार में 135 करोड़ रुपये के ठेके ले लिये। विधायक रहते वह मुझसे टेंडर मांगते रहे और लोगों से कहा कि मुख्यमंत्री काम नहीं कर रहे। निर्दलीय पूर्व विधायक लालची व अहंकारी व्यक्ति है, उनकी नियत में खोट है इसलिए भाजपा के हाथों बिक गए।

हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के अमरोह में कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पिंदर वर्मा के चुनाव प्रचार के दौरान सुखविंदर सिंह (Sukhvinder Singh Sukkhu) ने कहा कि हमीरपुर का बिका हुआ पूर्व विधायक बीते साल जुलाई से ही सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने में लगा था। हमारे पास इसके सुबूत हैं, उसके खिलाफ केस दर्ज हो चुका है, ऑपरेशन लोटस में आशीष शर्मा भी मुख्य सूत्रधार था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी अनेक खुलासे होंगे। ठेकेदार आशीष ने हमीरपुर जिला की खड्डों को खाली कर दिया है, बड़े पत्थर दिखते ही नहीं। एक नाम से दो-दो क्रशर चला रहे हैं, उन्हें जनता के कामों से कोई लेनादेना नहीं, वह क्रशर लगाने व टेंडर लेने की फाइलें उठाकर ही घूमते रहे, जनता के कामों की फाइलों को उठाकर मेरे पास आने का समय नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि हमीरपुर बस स्टैंड का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समय हुआ, पूर्व जयराम सरकार में एक ईंट उसमें नहीं लगी। हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद उसका काम तेजी से शुरू करवाया है।

उन्होंने कहा चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिसिटी, परिवहन अपीलेट प्राधिकरण व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय खोला, गांधी चौक का कायाकल्प किया व हमीरपुर शहर को सुंदर बना रहे हैं। सड़कों को डबल लेन किया जा रहा है। जो जिला राजनीति में अव्वल है उसे विकास में भी अव्वल बनाने का काम कर रहे हैं। इस जिला ने दो-दो मुख्यमंत्री दिए हैं। प्रो प्रेम कुमार धूमल दो बार मुख्यमंत्री रहे, तीसरी बार भी वह घोषित मुख्यमंत्री थे, लेकिन राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें हराया गया। कांग्रेस हाईकमान ने 75 साल में पहली बार निचले हिमाचल से मुख्यमंत्री बनाया वह भी हमीरपुर से, लेकिन सत्ता के लालची जिला के तीन पूर्व विधायकों को यह रास नहीं आया। मैंने हमीरपुर के कामों में कोई कमी नहीं रखी, बावजूद इसके तीनों बिकाऊ विधायकों ने हमीरपुर की जनता व कांग्रेस सरकार की पीठ में छुरा घोंपा।

मुख्यमंत्री (Sukhvinder Singh Sukkhu) ने कहा कि आशीष शर्मा ने सौदेबाजी के तहत इस्तीफा दिया, वह धरने पर इसलिए बैठे क्योंकि इस्तीफा मंजूर होने के बाद ही दूसरी क़िस्त मिलनी थी। क़िस्त तो मिल गई लेकिन हिमाचल नहीं ला पा रहे। हमने बॉर्डर सील किये हुए हैं, उसकी रखवाली में बिके विधायकों की रातों की नींद हराम हो गई है। उनके नोटों से भरा दूसरा ब्रीफकेस प्रदेश की सीमा के अंदर नहीं आ पाएगा। अगर बैंकों में भी पैसा जमा कराया तब भी सरकार को तुरंत पता चल जाएगा।

उन्होंने कहा भाजपा को ईमान बेचने वाले विधायक अब बचने वाले नहीं हैं। आशीष शर्मा चुनाव में पैसा बांटे तो डबल लेना, चूंकि वह पैसा आपका ही है, जो उसने भ्रष्टाचार करके कमाया है। मैं राजनीतिक बुराई का अंत करने की लड़ाई लड़ रहा हूं, इसमें मुझे हिमाचल की जनता का साथ चाहिए। भाजपा की ओर से शुरू की गई गंदी राजनीति का अंत जरूरी है, इसलिए 10 जुलाई को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करें।

 

आशीष शर्मा बहरूपिये हैं, झांसे में मत आना: पुष्पिंदर वर्मा

इस अवसर पर कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पिंदर वर्मा ने कहा कि आशीष शर्मा विधायक पद से इस्तीफ़ा देकर फिर विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने इस्तीफा देने का ड्रामा रचा। स्वार्थी पूर्व विधायक हमीरपुर जिला का मुख्यमंत्री नहीं चाहते। पूर्व विधायक टेंडर, क्रशर व सहित अपने अनेक गलत काम के लिए ही मुख्यमंत्री के पास जाते थे। लेकिन, मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर लगाम कस दी। जिससे आशीष शर्मा को तकलीफ हुई और वह उन लोगों के साथ सरकार गिराने की साजिश में शामिल हो गए। जिन्होंने पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराने का षड्यंत्र रचा। पूर्व विधायक को भाजपा के साथ ही जाना था तो बिना इस्तीफा दिये उनके साथ विपक्ष में बैठ सकते थे। जनता पर चुनाव का बोझ क्यों डाला। यह बहरूपिये हैं इनके झांसे में नहीं आना है। हमीरपुर में कांग्रेस-भाजपा नहीं सिर्फ मुख्यमंत्री का नारा चल रहा है।

 

जनसभा में ये भी हुए शामिल

इस दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक सुरेश कुमार, चंद्रशेखर, कैप्टन रणजीत सिंह, विवेक शर्मा, केसीसी बैंक चेयरमैन कुलदीप पठानिया, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष छतर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश ठाकुर, पंचायत प्रधान मधु बाला, उपप्रधान मनजीत ठाकुर इत्यादि मौजूद रहे।

 

Written By: Ramesh Kanwer

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